जब CBI और LIU है तो फिर CID का क्या है काम, जानिए कैसे अलग है ये जांच एजेंसी?
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जब CBI और LIU है तो फिर CID का क्या है काम, जानिए कैसे अलग है ये जांच एजेंसी?

 Criminal Investigation Department: टीवी सीरियल से फेमस हुआ CID जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था. इस आर्टिकल में हम आपको CID के बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे. 

 

जब CBI और LIU है तो फिर CID का क्या है काम, जानिए कैसे अलग है ये जांच एजेंसी?

CID का नाम तो आप लोगों ने सुना ही होगा और इसके नाम से एक टीवी सीरियल भी आया था जिसे लोगों  ने काफी पसंद भी किया था. इस सीरियल में  CID टीम कई आपराधिक मामलों की जांच करती है और उसको सुलझाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल जिंदगी में किस तरह से काम करती है. आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे. 

क्या है CID की फुल फॉर्म? 
CID की फुल फॉर्म Criminal Investigation Department होता है और इसको हिंदी में आपराधिक जांच विभाग कहते हैं. ये राज्यों के बड़े आपराधिक मामलों की जांच करता है. 

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CID का गठन
साल 1902 में पुलिस आयोग ने आपराधिक जांच विभाग के गठन करने के लिए ब्रिटिश सरकार से सिफारिश की थी और 1905 में ब्रिटिश भारत सरकार ने पुलिस आयोग के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया था. तभी से ही सीआईडी विभाग के शुरू करने की घोषणा की गई थी. इस प्रकार ब्रिटिश सरकार ने पुलिस महानिरीक्षक (Inspector General of Police) के निर्देशन और नियंत्रण में अपराध की जांच करने के लिए आपराधिक जांच विभाग (CID) का गठन किया.  सीआईडी का मुख्यालय भारत के पुणे में स्थित है. 

क्या है CID? 
हर राज्य का अपना पुलिस विभाग होता है और इस विभाग में गंभीर मामलों को सुलझाने के लिए अगल से जांच एजेंसी बनाई जाती है. इसी विभाग को Criminal Investigation Department या CID कहते है. CID राज्य पुलिस सेवाओं की एक ब्रांच है जो राज्यों में हो रहे रेप हत्या जैसे बड़े आपराधिक मामलों  की जांच खुफिया तरीके से करता है. ये राज्य पुलिस के अंडर काम करता है. इसके काम करने का दायरा सिमित रहता है. सीआईडी को कई शाखाओं में बांटा जाता है. 

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CID की शाखाएं
-Special Branch CID: इसमे जासूस, कांस्टेबल और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी काम करते है. जो अवैध कामों के मामलों पर जांच करते हैं.
-Crime Branch CID: ये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ( Additional Director General of Police) के अंतर्गत काम करने वाली स्पेशल ब्रांच है. जिसे Assistant Inspector General of Police अपना सहयोग प्रदान करती है. यह क्राइम ब्रांच हाईकोर्ट और  राज्य सरकार द्वारा सौपे गए रेप, हत्या, दंगा फसाद जैसे गंभीर आपराधिक मामलो की जांच करता है. -एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Anti Human Trafficking) 
-मिसिंग पर्सन सेल (Missing Persons Cell)
-एंटी नारकोटिक्स सेल (Anti Narcotics Cell)
-अंगुल चिन्ह ब्यूरो (Finger Print Bureau)
- आतंकवाद निरोधक दस्ता (Anti-Terrorism Squad)

आपको बता दें कि  सीआईडी में DIG, SP, इंस्पेक्टर, SI, हेड कांस्टेबल, फोटोग्राफी, फिंगरप्रिंट, कंप्यूटर आदि अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट काम करते है और इन सब का नेतृत्व उच्च रैंक के पुलिस अधिकारी करते हैं.

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