Pashupati Paras: क्या हाजीपुर में भतीजे चिराग पासवान का समर्थन करेंगे पशुपति पारस? इस सवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दिया ये जवाब
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Pashupati Paras: क्या हाजीपुर में भतीजे चिराग पासवान का समर्थन करेंगे पशुपति पारस? इस सवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दिया ये जवाब

Pashupati Paras On Chirag Paswan: पशुपति पारस ने कहा कि अगर हमारा विरोध किसी से है तो उसे हम सार्वजनिक नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हम नीति के साथ चलने वाले लोग हैं. हमारा लक्ष्य है देश में तीसरी बार मोदी जी की सरकार बने. 

चिराग पासवान-पशुपति पारस

Pashupati Paras On Chirag Paswan: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में रण सज चुका है और अब महारथियों का मैदान में उतरने का दौर शुरू हो गया है. आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. इन सबके बीच दो सीटों की काफी चर्चा हो रही है पहली- पूर्णिया और दूसरी- हाजीपुर. पूर्णिया लोकसभा सीट को पर महागठबंधन में घमासान मचा हुआ है तो वहीं हाजीपुर सीट को लेकर एनडीए में काफी बवाल हुआ. पूर्णिया में पप्पू यादव और बीमा भारती में ही मुकाबले के संकेत मिल रहे हैं. तो वहीं पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिल चुकी है. एनडीए में हुए सीट बंटवारे में जब पशुपति को कुछ नहीं मिला तो वो काफी नाराज हुए थे. हालांकि, अब उनका गुस्सा शांत हो गया है और अब वह फिर से 'मोदी का परिवार' के सच्चे साथी बन गए हैं. 

पशुपति ने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करके एनडीए को बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत दिलाने में मदद करने का वादा किया है. ऐसे में सवाल ये है क्या उनके दिल से चिराग पासवान के लिए भी सारी कड़वाहट खत्म हो गई होगी और क्या वो हाजीपुर में एनडीए के साथी और अपने भतीजे चिराग पासवान के लिए भी वोट मांगेंगे? ये सवाल अभी भी सबके मन में है. पशुपति पारस ने इस सवाल पर भी विराम लगा दिया. पारस ने बुधवार (3 अप्रैल) को मीडिया से बातचीत में कहा कि वो 40 की 40 सीटों पर एनडीए का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि वो एनडीए के सभी दलों का समर्थन करेंगे, सीट चाहे किसी की भी हो.

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पशुपति पारस ने आगे कहा कि अगर हमारा विरोध किसी से है तो उसे हम सार्वजनिक नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हम नीति के साथ चलने वाले लोग हैं. हमारा लक्ष्य है देश में तीसरी बार मोदी जी की सरकार बने. फिर चाहे लोजपा की सीट हो या चिराग पासवान की, वो उनका समर्थन करेंगे. बता दें कि इससे पहले हाजीपुर सीट को लेकर चाचा-भतीजे में वाकयुद्ध का एक लंबा दौर देखने को मिल चुका है. सीट शेयरिंग से पहले पशुपति किसी भी कीमत पर हाजीपुर नहीं छोड़ने की बात कहते थे और चिराग पासवान से समझौते पर साफ इनकार कर देते थे. उन्होंने कहा था कि अब दिल और दल कभी नहीं मिल सकते हैं. हालांकि, अब उनके तेवर नरम पड़ चुके हैं.

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