Bihar Political Crisis: राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि वो सीएम नीतीश कुमार से आग्रह करते हैं कि शाम तक सब कंफ्यूजन दूर हो जाएगा. जो चल रहा है और चलाया जा रहा है, मुख्यमंत्री भी देख रहे होंगे और वही इसे सॉल्व कर सकते हैं.
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Bihar Political Crisis: बिहार में सियासी भूचाल का आज यानी 26 जनवरी को ही पटाक्षेप हो सकता है. लालू यादव की पार्टी राजद से नाराज चल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब राजभवन पहुंच चुके हैं. उनके साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में वित्त मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद हैं. राजभवन में मुख्यमंत्री के बगल वाली कुर्सी में तेजस्वी यादव के नाम की पर्ची लगी थी. जिसे अशोक चौधरी ने उखाड़कर फेंक दिया और खुद उस कुर्सी पर बैठ गए. जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल की ओर से गणतंत्र दिवस की ओर से चाय पार्टी दी गई है. इस पार्टी में एनडीए के ही ज्यादातर नेता मौजूद हैं. वहीं राजद ने सीएम नीतीश कुमार से बड़ी अपील की है. राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने मुख्यमंत्री से शाम तक का वक्त मांगा है.
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि वो सीएम नीतीश कुमार से आग्रह करते हैं कि शाम तक सब कंफ्यूजन दूर हो जाएगा. जो चल रहा है और चलाया जा रहा है, मुख्यमंत्री भी देख रहे होंगे और वही इसे सॉल्व कर सकते हैं. राजद ने आज तक ऐसा नहीं किया. 9 अगस्त 2022 को जब यह गठबंधन बना इसकी ईंट लालू यादव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने रखी, उसका उद्देश्य ही था कि बीजेपी की नफरत की राजनीति को खत्म किया जाए. उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री शाम तक इसका खंडन कर देंगे.
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मनोज झा ने मीडिया से कहा कि मैं देख रहा हूं कि तिल का ताड़ कैसे बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री का गरिमामयी आचरण रहा है, ये बिहार के जर्रे-जर्रे में जाहिर है. जो मीडिया में चल रहा है वह निराधार है. बीजेपी को आपदा का भास हो रहा है. इसीलिए राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को पूरे एक स्पेक्टिकल के रूप में करने के बावजूद उनको डर सता रहा है. उन्होंने लग रहा है कि बिहार का प्रगतिशील बहुजन समाज अभी भी बीजेपी पर भरोसा करने को तैयार नहीं है. शायद उसी भरोसे को थोड़ा बढ़ाने के लिए बीजेपी की ओर से आपात बैठक की जा रही है.
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इंडी गठबंधन को लेकर मनोज झा ने कहा कि इसकी नींव ही पटना में रखी गई थी. 9 अगस्त 2022 को जब यह गठबंधन बना तो बुनियाद की ईंट लालू जी, नीतीश जी और तेजस्वी जी ने रखी. यह ईंट की तासीर थी कि हमें बीजेपी की भय, भूख और घृणा वाली राजनीति को विराम देना है. सृजन का सिलसिला चल पड़ा. यह संशय की जो बात की जा रही है. सीएम भी टेलीविजन देख रहे हैं. वह शाम तक इसका खंडन कर देंगे. महागठबंधन को नुकसान नहीं है. बहुत समय बाद प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं और वह बरकरार रहेगा.