Elvish Yadav Case: एल्विश यादव पर पुलिस ने लगा दी गलत धारा, समझिए NDPS एक्ट के सेक्शन 20 और 22 का लोचा
Advertisement
trendingNow12167054

Elvish Yadav Case: एल्विश यादव पर पुलिस ने लगा दी गलत धारा, समझिए NDPS एक्ट के सेक्शन 20 और 22 का लोचा

Elvish Yadav Latest News: पुलिस ने बताया है कि उन्होंने एल्विश यादव (Elvish Yadav) केस में गलत सेक्शन लगा दिया है. इसके लिए पुलिस कोर्ट पहुंची और भूल सुधारने की अनुमति देने की मांग की है.

Elvish Yadav Case: एल्विश यादव पर पुलिस ने लगा दी गलत धारा, समझिए NDPS एक्ट के सेक्शन 20 और 22 का लोचा

Elvish Yadav NDPS Act: सांपों के जहर की तस्करी के मामले गिरफ्तार यूट्यूबर एल्विश यादव (Elvish Yadav) के मामले में ट्विस्ट आ गया है. पुलिस ने कोर्ट से कहा है कि उन्होंने केस दर्ज करते वक्त गलत धारा लगा दी है. अब पुलिस अपनी भूल को सुधारना चाहती है और सही धारा लगाना चाहती है. पुलिस इसके लिए एल्विश यादव को कोर्ट लेकर पहुंची थी. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि लगानी उन्हें कोई और धारा थी और लगा कोई और दी. एल्विश यादव के केस में ये क्या हुआ और पुलिस कौन सी धारा जोड़ने जा रही है और कौन सी हटाने जा रही है, उन धाराओं का मतलब क्या होता है, उनमें कितनी सजा होती है, आइए इसके बारे में जान लेते हैं.

पुलिस से कौन सा सेक्शन गलत हो गया?

एल्विश यादव को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था. नोएडा पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गलती से पुलिस ने NDPS एक्ट का गलत सेक्शन जोड़ दिया है. उसे कागजों में ठीक करने की अनुमति दें. पुलिस ने बताया कि उन्हें एल्विश यादव पर NDPS एक्ट का सेक्शन 22 लगाना था लेकिन गलती से सेक्शन 20 लगा दिया गया. हालांकि, गौतम बुद्ध नगर कोर्ट में हड़ताल के चलते एल्विश यादव की जमानत पर सुनवाई टल गई. एल्विश यादव के वकील गौरव भाटिया भी कोर्ट पहुंचे थे. लेकिन हड़ताल के चलते गौतम बुद्ध नगर कोर्ट के वकीलों ने गौरव भाटिया को जमानत पर सुनवाई के लिए जाने नहीं दिया. इस बात पर जमकर हंगामा भी हुआ.

ये भी पढ़ें- जेल में बंद एल्विश यादव के सवाल पर ईशा मालवीय की छूटी हंसी, जोड़े हाथ और फिर कह दी ये बात

Psychotropic Substances क्या होते हैं?

Psychotropic Substances उस ड्रग या अन्य पदार्थ को कहा जाता है तो जो दिमाग पर असर डालता है और मूड, विचार, फीलिंग्स और शख्स के व्यवहार में बदलाव ला देता है. Psychotropic Substances में अल्कोहल, कैफीन, निकोटीन, गांजा और कुछ पेन किलर दवाएं शामिल हैं. इससे जुड़े मामले में NDPS एक्ट का सेक्शन 22 लगाया जाता है. जबकि पुलिस ने एल्विश यादव के केस में सेक्शन 20 लगा दिया था जो भांग से जुड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें- रेव पार्टीज में कितनी कीमत पर मिलता है सांपों का जहर? पुलिस ने बताया चौंकाने वाला सच

NDPS एक्ट का सेक्शन 22 क्या है?

NDPS एक्ट का सेक्शन 22 Psychotropic Substances को रखने, बेचने, बनाने और तस्करी से जुड़ा हुआ है. जो कोई भी, इस एक्ट के किसी भी प्रावधान या बनाए गए किसी नियम या आदेश या उसके तहत दिए गए लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करता है, किसी भी Psychotropic Substances का निर्माण, मालिकाना हक, बिक्री, खरीद, ट्रांसपोर्टेशन, आयात, निर्यात या इस्तेमाल करता है तो यह दंडनीय होगा.

ये भी पढ़ें- Elvish के बाद 2 लोग गिरफ्तार, एक्शन मोड में पुलिस, इन लोगों को भेज सकती है नोटिस

NDPS एक्ट का सेक्शन 22 में सजा

- सेक्शन 22 (a) में अगर किसी के पास Psychotropic Substances कम मात्रा में पाया जाता है तो उसे 1 साल तक की जेल या दस हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दोषी को ये दोनों सजा भी मिल सकती हैं.

- सेक्शन 22 (b) में अगर किसी के पास Psychotropic Substances बेचने के हिसाब से कम लेकिन कम मात्रा से ज्यादा पाया जाता है तो उसे अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है. 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है.

- सेक्शन 22 (c) में अगर कोई Psychotropic Substances को खरीदते, बेचते, प्रोडक्डशन करते हुए पाया जाता है तो उसे कम से कम 10 साल और अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है. इसके अलावा 1 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है.

Trending news