स्कूलों में बम की धमकी फर्जी..लेकिन डरना जरूरी है, स्कूलों को धमकी भरे Email किसकी साजिश?
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स्कूलों में बम की धमकी फर्जी..लेकिन डरना जरूरी है, स्कूलों को धमकी भरे Email किसकी साजिश?

Bomb threat in Delhi schools: दिल्ली और नोएडा के 80 से ज्यादा स्कूलों को बुधवार सुबह ई-मेल के जरिये बम की धमकी दी गई. इसके बाद हड़कंप मच गया. दिल्ली पुलिस से लेकर तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने स्कूलों में सर्च ऑपरेशन लॉन्च कर दिया.

स्कूलों में बम की धमकी फर्जी..लेकिन डरना जरूरी है, स्कूलों को धमकी भरे Email किसकी साजिश?

Bomb threat in Delhi schools: दिल्ली और नोएडा के 80 से ज्यादा स्कूलों को बुधवार सुबह ई-मेल के जरिये बम की धमकी दी गई. इसके बाद हड़कंप मच गया. दिल्ली पुलिस से लेकर तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने स्कूलों में सर्च ऑपरेशन लॉन्च कर दिया. कई घंटों की सर्च के बाद कहा गया कि किसी स्कूल में कोई बम नहीं मिला. स्कूलों में बम धमाकों की धमकी को फर्जी करार दे दिया गया. लोगों से अपील की गई कि घबराने या डरने की कोई जरूरत नहीं है.

सिर्फ ट्रायल तो नहीं..

लेकिन हमें लगता हैं कि डरने की जरूरत तो है. डरना इसलिए जरूरी है क्योंकि स्कूलों में बम की धमकी भले ही इस बार फर्जी निकली हो. लेकिन अगली बार ये हकीकत भी साबित हो सकती है. डरना इसलिए जरूरी है क्योंकि जिसने भी ये धमकी दी है, हो सकता है उसने इस बार स्कूलों पर हमले का सिर्फ Trial किया हो. डरना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि धमकी का ई-मेल किसी सिरफिरे की हरकत नहीं है. डरना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि धमकी भरे ई-मेल की जो भाषा है वो बेहद खतरनाक है. डरना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जिस ई-मेल एड्रेस से ये धमकी मिली है, उसका ISIS से भी कनेक्शन है. और डरना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये धमकी किसी एक-दो स्कूलों को नहीं बल्कि 80 से ज्यादा स्कूलों को एक साथ दी गई.

बम की धमकी से डरना जरूरी

अगर स्कूलों में बम धमाकों की धमकी फर्जी होती तो ये सब नहीं होता. भले ही किसी स्कूल में कोई बम नहीं मिला लेकिन इसकी जांच में इंटरपोल तक को शामिल किया गया है. और ये अपने आप में साबित करता है कि दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम की धमकी से डरना जरूरी है. Zee News के पास उस ई-मेल की Exclusive कॉपी मौजूद है जिसमें स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई. इस ई-मेल को डिकोड करने से ही पता चलता है कि ये सब एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया.

ई-मेल.. SAWARIM@mail.ru नाम की ID से किया गया

धमकी भरा ई-मेल.. SAWARIM@mail.ru नाम की ID से किया गया. RU..रूस का डोमेन है. लेकिन ई-मेल वाकई रूस से किया गया था या नहीं. ये अभी पता लगना बाकी है. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि ई-मेल विदेश से ही किया गया है. और ये किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है बल्कि इसके पीछे किसी ग्रुप का हाथ हो सकता है. जिस तरीके से स्कूलों को धमकी देने वाला Email Generate किया गया. और जिस तरह Email के Origin को छिपाने की कोशिश हुई. उससे एक बात तो Clear है कि ये ई-मेल करने वाले और स्कूलों को भेजने वाले Technically Sound लोग हैं. लेकिन ये कौन लोग हैं?

- जांच एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे ISIS Module हो सकता है .
- जिसका मकसद हिंदुस्तान में चुनाव के दौरान Panic फैलाना हो सकता है .
- इसके लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर ISIS Cyber War की साजिश रच रहा था.

..ये शक बेवजह भी नहीं है

सुरक्षा एजेंसियों का ये शक बेवजह भी नहीं है. इस शक की वजह उसी Email Address में छिपी है, जिससे स्कूलों को धमकी वाला Mail भेजा गया. जिस आईडी से ई-मेल भेजे गए, उसका User Name - SAWARIM S है. जिसकी अरबी भाषा में फुल फॉर्म है - Salil al-Sawarim. और अंग्रेजी में इसका मतलब होता है - Clashing Of The Swords यानी तलवारों की टक्कर. Salil al-Sawarim शब्द को इस्लामिक स्टेट यानी IS ने वर्ष 2014 में नारे की तरह इस्तेमाल करना शुरु किया था. जिसका इस्तेमाल IS अपने इस्लामिक प्रोपगेंडा Videos में करता रहा है. Salil al-Sawarim को ISIS अपने उन Songs में भी करता है जिसमें युद्ध.. जेहाद और खून-खराबे को जायज़ ठहराया जाता है.

पहली लाइन में ही कुरान की आयत

और दिल्ली और नोएडा के स्कूलों में बम की धमकी वाला जो Email आया है उसकी भाषा भी ISIS की भाषा से Match करती है. इसे जानकर आप डर जाएंगे. ISIS के Propaganda Material में कुरान की आयतों का जिक्र होता है. स्कूलों को धमकी वाले Email की शुरुआत ही कुरान की आयत से हुई है. पहली लाइन में ही कुरान की आयत लिखी है - जहां भी तुम मिलो उन्हें मार डालो और उन्हें उन स्थानों से बाहर निकाल दो जहां से उन्होंने तुम्हें खदेड़ा है. इसके बाद धमकी वाले EMail में लिखा है - अल्लाह ने हमें मौका दिया है कि इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ युद्ध में हम शहीद हो जाएं.

इस तरह की भाषा ISIS का Trade mark

इस तरह की भाषा ISIS का Trade mark है. जिसका इस्तेमाल वो लोगों के खून-खराबे और हत्याओं को जायज ठहराने के लिए करता है.

हम तुम्हारी गर्दनें काट देंगे.
अल्लाह की मर्जी से हम तुम्हें आग में झोंक देंगे.

अल्लाह ने काफिरों के लिए आग की लपटें तय की हुईं हैं.
अल्लाह की इजाजत से हम आसमान को धुएं से भर देंगे.

बचपन से ही हम जेहाद की आग में जल रहे हैं.
अपनी इमारतों की छतों की तरफ देखो.

हम उन्हें तोड़ देंगे और उन्हें इसमें जला देंगे.
यही काफिरों का अंजाम है.

हम तुम्हारे पैरों के नीचे आग लगा देंगे.
ये तुम्हारा आखिरी ठिकाना होगा.

नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

ये उस धमकी भरे Email की भाषा है. जो दिल्ली और नोएडा के स्कूलों को भेजा गया था. ये भाषा अपने आप में ये बताने के लिए काफी है कि इस धमकी से डरना कितना जरूरी है. क्योंकि धमकी के Email में जो मंसूबे जताए गए हैं.. उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. जिस तरीके से स्कूलों को Mass Threat देने के लिए Email किया गया. और जिस तरीके की भाषा का इस्तेमाल धमकी देने के लिए किया गया. उससे एक बात साफ है कि ये किसी शरारती तत्व का काम नहीं हो सकता. और अगर इस धमकी के पीछे वाकई ISI और ISIS का हाथ है, तो डरना बहुत जरुरी है क्योंकि आज भले ही धमकी.. फर्जी निकली हो लेकिन अगली बार भी फर्जी निकले, इसकी कोई गारंटी नहीं है. और ये तो किस्मत अच्छी थी कि किसी स्कूल में कोई विस्फोटक नहीं मिला.

ये सब व्यवस्था का Failure

लेकिन इस धमकी ने स्कूलों और सिस्टम के Response Time और Emergency Management System का भी रियलिटी चेक कर दिया है. धमकी मिलने के बाद जिस तरह से School Managements ने React किया.. जिस तरह से स्कूल से बच्चों के Emergency Evacuation में लापवाहियां हुईं... जिस तरह स्कूलों के बाहर Parents परेशान होते रहे. ये सब व्यवस्था का Failure दिखाते हैं. गनीमत रही कि स्कूलों को मिली धमकी झूठी निकली. लेकिन अगली बार भी अगर कोई ऐसी धमकी मिली तो वो भी झूठी निकलेगी. ये सोचकर इस घटना को भूल जाना बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती है. इसलिए स्कूलों को मिली बम की धमकी पर डरना जरूरी है.

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