Ek Din Ek Film: सत्य घटना पर आधारित थी यह फिल्म, खुद डूब कर दूसरों को बचाया था सितारों ने
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Ek Din Ek Film: सत्य घटना पर आधारित थी यह फिल्म, खुद डूब कर दूसरों को बचाया था सितारों ने

Amitabh Bachchan Shatrughan Sinha: अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा किसी जमाने में अच्छे दोस्त थे. वह दोनों के करियर का शुरुआती दौर था. मगर शत्रुघ्न को पहले सफलता मिली और बाद में अमिताभ को. सफलता ने उनके बीच मतभेद पैदा किए. इसके बावजूद दोनों कुछ बढ़िया फिल्मों में साथ-साथ नजर आए.

 

Ek Din Ek Film: सत्य घटना पर आधारित थी यह फिल्म, खुद डूब कर दूसरों को बचाया था सितारों ने

Film Kaala Patthar: काला पत्थर बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म थी जो औद्योगिक त्रासदी पर बनी थी. इसकी कहानी धनबाद के नजदीक कोयले की खदान चासनाला में 1975 में हुई दुर्घटना से प्रेरित थी जिसमें सुरंग में पानी भर जाने की वजह से 375 मजदूरों की मौत हो गई थी. यह एक मल्टीस्टारर फिल्म थी जिसमें अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, राखी, नीतू सिंह, परवीन बॉबी, प्रेम चोपड़ा, प्रेम नाथ और परीक्षित साहनी जैसे दिग्गज कलाकार थे. इस फिल्म ने भले ही उस समय औसत बिजनेस किया हो और समीक्षकों को भी यह फिल्म उतनी पसंद नहीं आई हो, लेकिन इस फिल्म की गिनती आज कल्ट सिनेमा में की जाती है. काला पत्थर 1979 में रिलीज हुई थी. यश चोपड़ा ने फिल्म का निर्माण तथा निर्देशन किया था. सलीम-जावेद की जोड़ी ने फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी थी.

कोयले में कहानी
विजय (अमिताभ बच्चन) एक पूर्व-नौसेना अधिकारी है जिसका कोर्ट-मार्शल किया गया क्योंकि उसके कारण एक जहाज डूब गया और जिसमें लगभग 300 लोगों की जान चली गई. इस ग्लानि से भरा हुआ विजय दूर एक छोटे से गांव की कोयलाखदान में खनिक के रूप में काम करने लगता है. धनराज पुरी (प्रेम चोपड़ा) कोयले की खदानों का मालिक हैं लेकिन वह केवल अपना लाभ देखता है. जिसके कारण खदान के कई कर्मचारी चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण मर जाते हैं. रवि मल्होत्रा (शशि कपूर) एक इंजीनियर है जो खानों की जिम्मेदारी संभालता है. रवि मल्होत्रा को समझ आता है खदान में काम करना बहुत खतरनाक है क्योंकि कभी भी पानी खानों में प्रवेश कर सकता है जिससे कई मौतें हो सकती हैं. लेकिन धनराज इस पर ध्यान नहीं देता.

छत्तीस का आंकड़ा
खदान में काम करने वालों में जेल का एक अपराधी मंगल (शत्रुघ्न सिन्हा) भी है जो जेल से भाग कर खदानों में काम करना शुरू कर देता है. विजय के साथ उसका छत्तीस का आंकड़ा रहता है. लेकिन एक दिन वही होता है जिसका रवि मल्होत्रा को डर रहता है. खदान में पानी भर जाता है. तब विजय, रवि और मंगल अपनी जान की परवाह किए बिना अन्य मजदूरों को बचाने की कोशिश करते हैं. काला पत्थर भले ही बॉक्स ऑफिस पर सक्सेसफुल नहीं रही. लेकिन इस फिल्म को कई अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया. काला पत्थर वह आखिरी फिल्म थी जिसमें सलीम-जावेद ने यश चोपड़ा प्रोडक्शन के लिए फिल्म लिखी थी.

कास्टिंग की कहानी
यूं तो अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा में अच्छी दोस्ती थी. लेकिन इस फिल्म के दौरान सुनने में आया कि अमिताभ बच्चन नहीं चाहते थे कि शत्रुघ्न सिन्हा यह फिल्म करे. अमिताभ पर शत्रुघ्न सिन्हा ने आरोप भी लगाया कि उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के रोल पर कैंची चलवाई. शत्रुघ्न सिन्हा से पहले इस फिल्म में ऋषि कपूर को रवि मल्होत्रा के रोल में साइन किया गया था और शशि कपूर मंगल बन थे. लेकिन किन्हीं कारणों से ऋषि कपूर ने फिल्म छोड़ दी शशि कपूर को डायरेक्टर ने उनका रोल दिया. तब फिल्म में मंगल के रूप में शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री हुई. शत्रुघ्न सिन्हा बिहार से थे और यह कहानी तत्कालीन बिहार राज्य में हुए हादसे ही प्रेरित थी.

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