Akhilesh Yadav Ayodhya Visit: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. भाजपा के खिलाफ विपक्ष की रणनीति कई बार बन-बिगड़ चुकी है. विपक्ष के लिए यूपी में भाजपा को हराने की जिम्मेदारी लिए अखिलेश यादव एक के बाद एक सभी महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं. बुधवार को अखिलेश यादव अयोध्या में थे. लेकिन अखिलेश यादव ने प्रभु श्री राम के दर्शन नहीं किए.
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Akhilesh Yadav Ayodhya Visit: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. भाजपा के खिलाफ विपक्ष की रणनीति कई बार बन-बिगड़ चुकी है. विपक्ष के लिए यूपी में भाजपा को हराने की जिम्मेदारी लिए अखिलेश यादव एक के बाद एक सभी महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं. बुधवार को अखिलेश यादव अयोध्या में थे. लेकिन अखिलेश यादव ने प्रभु श्री राम के दर्शन नहीं किए. वे अयोध्या के राम मंदिर नहीं गए. उनके इस कदम की खूब चर्चा हो रही है.
अखिलेश यादव का एजेंडा एक दम क्लीयर था..
अयोध्या में अखिलेश यादव का एजेंडा एक दम क्लीयर था. उन्हें वोटर का आशीर्वाद तो लेना था. वोटर के आगे वो नतमस्तक भी हुए. लेकिन उन्हें रामलला का आशीर्वाद नहीं चाहिए था. प्रभु राम की नगरी अयोध्या में 20 मई को वोटिंग होनी है. उससे पहले अयोध्या में चुनावी तापमान बढ़ा हुआ है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव जनता से वोट मांगने अयोध्या पहुंचे थे. जहां उन्होंने INDI प्रत्याशी के लिए वोट मांगे, जनता से आशीर्वाद देने की अपील की, अपने काम गिनाए. अखिलेश ने बीजेपी पर सवाल उठाए लेकिन ये नहीं बताया कि वो अयोध्या आकर भी रामलला के दरबार क्यों नहीं गए?
अयोध्या जाकर कोई राम मंदिर ना जाए...
अब अयोध्या जाकर कोई राम मंदिर ना जाए... ये तो वैसे ही है जैसे कोई हरिद्वार जाए और गंगा में डूबकी ना लगाए. लेकिन अखिलेश का कॉन्फिडेंस देखिए, वो राम की नगरी में राम जी को ही इग्नोर कर वोट मांग रहे हैं. अखिलेश एक नेता की तरह नहीं तो एक भक्त की तरह. एक साधारण टूरिस्ट की तरह रामलला का आशीर्वाद लेने मंदिर जा सकते थे. लेकिन अखिलेश ने ऐसा करना जरूरी नहीं समझा.
अखिलेश यादव का मकसद क्या है?
सवाल है कि क्या अखिलेश का मकसद सिर्फ फैजाबाद के 15 प्रतिशत मुस्लिम वोट है ? और क्या वो राम मंदिर को इग्नोर कर सारे मुस्लिम वोटों को अपना बना लेंगे. अगर वो ये सोच रहे हैं तो शायद ये उनका ओवर कॉन्फिडेंस है. जिसको लेकर अब बीजेपी उनपर हमलावर है. हो सकता है अखिलेश चुनाव प्रचार में बिजी होने की वजह से राम मंदिर नहीं गए. या कोई और वजह भी हो सकती है. ये तो अखिलेश ही बता सकते हैं.
राम मंदिर को लेकर रुख शुरू से ही अलग
राम मंदिर को लेकर समाजवादी पार्टी का रूख शुरू से ही अलग रहा है. जनवरी में अखिलेश ने कहा था कि वो प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद परिवार के साथ और पंडित से सही समय निकलवाकर राम मंदिर दर्शन करने जरूर जाएंगे. हाल ही में समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर रामगोपाल यादव ने राम मंदिर के नक्शे को बेकार बताया था. जिसपर बीजेपी ने समाजवादी पार्टी की सोच पर सवाल उठाए थे. अखिलेश ने पंडित से शुभ समय निकलवाकर राम मंदिर में दर्शन करने की बात कही थी. लेकिन ऐसा लग रहा है अभी पंडित जी ने अखिलेश का राम मंदिर में दर्शन करने का शुभ समय नहीं निकाला है. इसीलिए वो अयोध्या में होकर भी रामलला के दर्शन करने नहीं गए.