UPSC Exam Rules: नए दिशानिर्देशों के अनुसार, यूपीएससी ने उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से 10 दिन से अधिक पुरानी तस्वीरें अपलोड नहीं करने को कहा है.
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Union Public Service Commission (UPSC): संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मई में होने वाली प्रीलिम्स के लिए इस सप्ताह यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है. आयोग ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर फोटो अपलोड करने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, यूपीएससी ने उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से 10 दिन से अधिक पुरानी तस्वीरें अपलोड नहीं करने को कहा है. इसलिए, उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि तस्वीरें 4 फरवरी, 2024 से पहले की न ली जाएं.
नियम से कैंडिडेट्स में थोड़ी असमंजस की स्थिति है और कुछ ने इसे लंबी और महंगी प्रक्रिया करार दिया है, एक्सपर्ट्स का दावा है कि यह परीक्षा के दौरान टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और अन्य संबंधित धोखाधड़ी को कंट्रोल करेगा. राजस्थान और उत्तर प्रदेश में, राज्य द्वारा कैंडिडेट्स के खिलाफ इंपर्सनेशन और टेक्नोलॉजी से जुड़े कई मामले दर्ज किए गए हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया को सीनियर आईएएस अधिकारी जेके दादू का कहना है कि इस पहल से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी नई टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग पर कंट्रोल लगेगा. एआई के साथ, फोटो और डॉक्यूमेंट्स को मॉर्फ करने की संभावना है, जो सार्वजनिक परीक्षा में गंभीर चुनौतियां पैदा कर सकती हैं. "अलग अलग फॉर्मों पर उम्मीदवारों की तस्वीरों के बीच अंतर करना और परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के साथ उनका मिलान करना भी मुश्किल है. नई टेक्नोलॉजी और एआई फोटो और डॉक्यूमेंट्स को आसानी से मॉर्फ कर सकते हैं. नए यूपीएससी दिशानिर्देशों के साथ, पहचान संबंधी समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी."
"ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां कैंडिडे्टस ने अपनी फोटो को एक-दूसरे से जोड़ दिया. एआई और डीपफेक जैसी टेक्नोलॉजीज के साथ, चुनौतियां हर दिन बढ़ रही हैं. पहचान संबंधी मुद्दे एक बड़ी समस्या है जिसका आयोग को सामना करना पड़ रहा है. नए निर्देशों के मुताबिक, उम्मीदवार को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के 10 दिनों के भीतर क्लिक की गई फोटो अपलोड करनी होगी. इससे उम्मीदवारों के लिए एप्लिकेशन डेटा में हेराफेरी करना मुश्किल हो जाएगा. नई प्रक्रिया से, खासकर ग्रामीण इलाकों के उम्मीदवारों की जेब पर असर पड़ सकता है, लेकिन इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि पहचान सही है, जिससे भविष्य की प्रक्रिया आसान हो जाएगी."