106 पन्ने और 88 सवाल...हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में ऐसा क्या था,जिसने हिला दिया अडानी का पूरा साम्राज्य
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106 पन्ने और 88 सवाल...हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में ऐसा क्या था,जिसने हिला दिया अडानी का पूरा साम्राज्य


Adani Group Hindenburg Report Timeline: अडानी हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है. सेबी को तीन महीने का वक्त मिला तो वहीं अडानी मामले की जांच एसआटी को सौंपने से इनकार कर दिया गया. इस मामले की शुरुआत जिस रिपोर्ट से हुई, उसके बारे में विस्तार से जानते हैं.  

Adani Hindenburg Case

Adani-Hindenburg Case: 24 जनवरी 2023 आम लोगों के लिए बस एक तारीख है, लेकिन अडानी समूह के लिए यह एक मनहूस दिन है. बीते साल 24 जनवरी को अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने एक ऐसा बवंडर चलाया, जिसने अडानी की आधी से ज्यादा दौलत निगल ली. हिंडनबर्ग का ये नाम अब भारतीयों के लिए नया नहीं है. सड़क से लेकर संसद तक इस नाम की गूंज सुनाई दी. बच्चे-बच्चे की जुबान पर यह नाम छा गया. हो भी क्यों न, क्योंकि अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी ने भारत के उस उद्योगपति पर ऊंगली उठाई थी, जिसपर सरकार के करीबी होने का आरोप लगता रहा है. विपक्ष उसके नाम से सत्ताधारी पार्टी पर हमले बोलता रहा. आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया. अडानी मामले की जांच एसआईटी को सौंपने से इनकार कर दी. सेबी को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए तीन महीने का वक्त दिया. अगर आप अडानी-हिंडनबर्ग के मामले को भूल गए हैं तो एक नजर उस रिपोर्ट पर जिसने अडानी के साम्राज्य को हिला दिया था.  जानिए अडानी-हिंडनबर्ग मामले के तारीखवार अपडेट....

24 जनवरी 2023 की 'वो' तारीख

23 जनवरी 2023 वहीं तारीख है, जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग एक ट्वीट कर हड़कंप मचा दिया. हिंडनबर्ग ने 106 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की, जिसके बाद अडानी समूह की पूरी फिजा ही बदल गई. अडानी के खिलाफ तैयार की गई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने 32000 शब्दों से अडानी के पूरे साम्राज्य को हिलाकर रख दिया. इस रिपोर्ट के आने के बाद गौतम अडानी की संपत्ति धराशाही हो गई, जो अडानी एक महीने पहले तक दुनिया के टॉप 3 रईसों में शामिल थे वो इस रिपोर्ट के आने के बाद दुनिया के अमीरों की टॉप 25 की लिस्ट से बाहर हो गए. इस रिपोर्ट ने अडानी की नींव हिलाकर रख दी. 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या था

अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह के शेयरों पर ओवरप्राइसिंग का आरोप लगाया. रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी के शेयर 85 फीसदी ओवरवैल्यूड हैं. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी समूह शेल कंपनियां बनाकर अपने स्टॉक्स में हेरफेर और धोखाधड़ी कर रही है. अमेरिकी फर्म ने आरोप लगाया कि मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक टैक्स हेवन देशों में अडानी परिवार की कई सेल कंपनियां है, जिसकी मदद से कंपनी भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग जैसे काम करती है. इन सेल कंपनियों की मदद से अडानी फंड की हेराफेरी करती है. रिपोर्ट में अडानी के कर्ज पर भी सवाल उठाए गए. अडानी के परिवार को लेकर भी इस रिपोर्ट में सवाल उठाए गए. उनके ऊपर कस्टम टैक्स चोरी, फर्जी इंपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और अवैध कोयले के इंपोर्ट के आरोप लगे. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी समूह ने शेयर चढ़ाने के लिए परिवार का पैसा विदेशी रूट से निवेश किया. समूह ने गलत तरीके से पैसा बाहर भेजा और अपने कारोबार बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया .  

अडानी की क्रैश लैंडिंग 

इस रिपोर्ट के बाद अडानी की ओर से 406 पन्नों के साथ सफाई पेश की गई. कंपनी ने अपने 20 हजार करोड़ के  फुली सब्सक्राइब एफपीओ को रद्द कर दिया. इस रिपोर्ट के बाद ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की दौलत 120 अरब डॉलर से घट कर 39.9 अरब डॉलर रह गई थी. कंपनी का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर तक गिर गया. अडानी के शेयर सबसे बुरे दौर में पहुंच गए. अडानी के शेयरों की वैल्यू 85 फीसदी तक लुढ़क गई. अडानी को अपने निवेशकों को भरोसा जीतने के लिए विदेशों में रोडशो करने पड़े. अडानी का मामला संसद में भी गूंजा. विपक्षी दलों ने सड़क से लेकर संसद तक अडानी मामले को लेकर हंगामा किया. 

अडानी के कर्ज और LIC पर उठे सवाल 

हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी के कर्ज और एलआईसी के निवेश पर भी सवाल उठे. अडानी का मामला सामने आने के बाद SBI और LIC के शेयर भी गिरने लगे. एसबीआई, पीएनबी समेत सभी लेंडर्स ने सामने आकर अडानी समूह को दिए कर्ज को लेकर अपनी रिपोर्ट दी और बताया कि उनका कर्ज जोखिम में नहीं है. वहीं देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने भी स्पष्टीकरण दिया कि निवेशकों का पैसा सुरक्षित है. इस रिपोर्ट के बाद वैश्विक स्तर पर अडानी की छवि खराब होने लगी. क्रेडिट सुइस ने  जमानत के लिए अडानी के बॉन्ड लेने से इनकार कर दिए. इसके बाद मामला सेबी के बाद पहुंचा.  

कोर्ट पहुंचा अडानी का मामला

हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी के खिलाफ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाएं दायर की गई. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 2 मार्च 2023 को बाजार नियामक सेबी को मामले के जांच के आदेश दिए.  सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यों की एक्सपर्ट कमेटी भी बनाई . मई 2023 में कोर्ट ने सेबी को तीन महीने के भीतर जांच पूरी कर स्टेटस रिपोर्ट जमा कराने को कहा. इस जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 27 नवंबर तक लिखित दलील जमा करने का आदेश दिया था. आज कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया।. 

हिंडनबर्ग की मंशा पर उठा सवाल 

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की मंशा पर सवाल उठाए.  अडानी समूह ने पूरी की पूरी रिपोर्ट को निराधार और बदनाम करने वाला बताते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपी.  कंपनी ने शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग पर अडानी के शेयरों की शार्ट सेलिंग कर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया. 

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