Tata Motors: JLR यानी जगुआर लैंड रोवर एक ब्रिटिश कार कंपनी है. लेकिन, इसका मालिकाना हक टाटा मोटर्स के पास है. टाटा मोटर्स ने 2008 में JLR का अधिग्रहण किया था.
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Tata Motors & Jaguar Land Rover: JLR यानी जगुआर लैंड रोवर एक ब्रिटिश कार कंपनी है. लेकिन, इसका मालिकाना हक टाटा मोटर्स के पास है. टाटा मोटर्स ने 2008 में JLR का अधिग्रहण किया था. अभी JLR कारों को इंपोर्ट करके भारत में बेचा जाता है. लेकिन, आने वाले समय में इनकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में ही हो सकती है. ऐसा होने JLR कारों की कीमत में कमी भी आने की उम्मीद है क्योंकि अभी इनकी कारों को इंपोर्ट किया जाता है, जिसके लिए हैवी इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी पड़ती है.
समाचार एजेंसी रॉयटर ने दो सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया कि टाटा मोटर्स अपने तमिलनाडु में 1 बिलियन डॉलर से बने प्लांट में जगुआर लैंड रोवर (JLR) लग्जरी कारों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी. यह पहला मौका होगा जब JLR ब्रांड की कारें पूरी तरह से भारत में बनाई जाएंगी. एक सूत्रों ने बताया कि ये कारें भारत में बेची जाएंगी और निर्यात भी की जाएंगी.
हालांकि, सूत्रों ने उनकी पहचान उजागर न करने का अनुरोध किया क्योंकि कंपनी ने इस प्लान अभी आधिकारिक घोषणा नहीं है. टाटा मोटर्स ने फिलहाल इसपर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया है. बता दें कि टाटा मोटर्स ने मार्च में तमिलनाडु में प्लांट लगाने की योजना की घोषणा की थी. लेकिन, वहां कौन सी गाड़ियां बनेंगी और कितनी गाड़ियां बनाई जाएंगी, इसकी जानकारी नहीं दी थी.
JLR की फिलहाल ब्रिटेन में तीन कारखाने हैं. इसके अलावा, यह चीन, ब्राजील और स्लोवाकिया में भी गाड़ियां बनाती है. भारत में रेंज रोवर इवोक, डिस्कवरी स्पोर्ट और जगुआर एफ-पेस जैसी कारें बेचने वाली JLR एक लग्जरी ब्रांड है, जिसे बहुत कम लोग खरीद पाते हैं.
अभी तक भारत में जो JLR मॉडल बिकते हैं, उन्हें ब्रिटेन से पूरी तरह से बनी हुई गाड़ियों के तौर पर इंपोर्ट किया जाता है या फिर अलग-अलग पार्ट्स लाए जाते हैं और यहां पुणे शहर के पास फैक्टरी में असेम्बल करके कार तैयार की जाती है.
टाटा मोटर्स की कमाई का लगभग दो-तिहाई हिस्सा JLR से आता है. मार्च 2023 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में स्पोर्टी रेंज रोवर एसयूवी और जगुआर कारों की मजबूत मांग की बदौलत, कंपनी ने बीते पांच साल में पहला सालाना मुनाफा दर्ज किया.