अमित शाह ने किसानों को किया खुश, आज लॉन्च कर दिया सरकारी पोर्टल, अब खुद बेच सकेंगे दाल
Advertisement
trendingNow12044217

अमित शाह ने किसानों को किया खुश, आज लॉन्च कर दिया सरकारी पोर्टल, अब खुद बेच सकेंगे दाल

सरकार ने आज से देशभर में तुअर दाल खरीद मंच की शुरुआत की है. इसके साथ ही कहा है कि दिसंबर 2027 तक हमारा देश दालों के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है. अमित शाह ने कहा है कि इस पोर्टल के जरिये किसान खुद को रजिस्टर्ड कराने के बाद बाजार मूल्य पर नेफेड, NCCF को अपने प्रोडक्ट बेच सकते हैं.

अमित शाह ने किसानों को किया खुश, आज लॉन्च कर दिया सरकारी पोर्टल, अब खुद बेच सकेंगे दाल

केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से देश के किसानों के लिए समय-समय पर कई कदम उठाए जाते रहे हैं. सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज बड़ा ऐलान कर दिया है. सरकार ने आज से देशभर में तुअर दाल खरीद मंच की शुरुआत की है. इसके साथ ही कहा है कि दिसंबर 2027 तक हमारा देश दालों के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है. 

अमित शाह ने कहा है कि इस पोर्टल के जरिये किसान खुद को रजिस्टर्ड कराने के साथ न्यूनतम समर्थनम मूल्य (MSP), बाजार मूल्य पर नेफेड, NCCF को अपने प्रोडक्ट बेच सकते हैं. शाह ने कहा कि भविष्य में उड़द और मसूर दाल के किसानों के साथ-साथ मक्का किसानों के लिए भी इसी तरह की सुविधा शुरू की जाएगी.

68 लाख रुपये किए ट्रांसफर

अमित शाह ने मंच के माध्यम से तुअर की बिक्री के भुगतान के लिए 25 किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिये करीब 68 लाख रुपये ट्रांसफर भी किए हैं. नेफेड और NCCF जैसी दो केन्द्रीय नोडल एजेंसियां दलहन का ‘बफर स्टॉक’ रखने के लिए सरकार की ओर से दलहनों की खरीद करती हैं. जब दलहन की कीमतें एमएसपी से नीचे गिर जाती हैं तो ये एजेंसियां मूल्य समर्थन योजना के तहत भी दलहनों की खरीद करती हैं. 

रजिस्टर्ड किसान बेच सकेगा दाल

पोर्टल की पेशकश के बाद, शाह ने कहा कि बुवाई कार्य से पहले तुअर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नेफेड और एनसीसीएफ को अपनी उपज बेचने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रजिस्टर्ड तुअर किसानों के पास नेफेड/एनसीसीएफ या खुले बाजार में बेचने का विकल्प होगा. अगर तुअर दाल का खुले बाजार का मूल्य एमएसपी से अधिक होता है, तो उस स्थिति में एक विधि के जरिये औसत दर निकाली जाएगी. इसके अलावा इसका पेमेंट DBT के जरिये किया जाएगा. 

किसान दालों की खेती नहीं करते

शाह ने कहा कि अधिकतर किसान दालों की खेती नहीं कर रहे हैं क्योंकि कीमतें सुनिश्चित नहीं होतीं. अब से इस प्लेटफॉर्म के जरिये खरीद के साथ यह पहल कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाएगी और दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेगी. उन्होंने कहा है कि तुअर की खरीद किसानों से की जाएगी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है. 

चुनावी साल में ज्यादा खरीद की है उम्मीद

आम चुनावों से पहले केंद्रीय नोडल एजेंसियों को पर्याप्त बफर बनाए रखने और खुदरा मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने के लिए अधिकतम मात्रा में खरीद करने की उम्मीद है. साल 2016-17 के ख़रीफ़ सत्र में तुअर का उत्पादन 48.7 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था और उसके बाद के वर्ष में उत्पादन गिर गया और वर्ष 2022-23 में 33.1 लाख टन के निचले स्तर पर आ गया. 

जल्द शुरू होगा उड़द-मसूर का पोर्टल

कृषि मंत्रालय के शुरुआती अनुमान के मुताबिक, खरीफ सत्र 2023-24 के लिए तुअर का उत्पादन 34.2 लाख टन होने का अनुमान है. मौजूदा समय में देश के कुछ हिस्सों में अरहर की कटाई अभी भी चल रही है. शाह ने कहा कि आगे जाकर, उड़द और मसूर किसानों के लाभ के लिए भी एक खरीद पोर्टल शुरू किया जाएगा. 

Trending news