दोस्ती का सही मतलब समझने के लिए पढ़े श्री श्री रविशंकर के ये अनमोल विचार

'दोस्ती पारदर्शिता के साथ प्यार है. आप एक सच्चे मित्र के साथ स्वयं ईमानदार रह सकते हैं.'

'दोस्तों के साथ, आप उनके निर्णयों से डरे बिना साझा कर सकते हैं और साथ में समय बिता सकते हैं.'

'आपका मन आपका सबसे अच्छा मित्र हो सकता है यदि यह आपकी लगाम के अधीन है या आपका सबसे बड़ा दुश्मन हो सकता है यदि आप इसकी लगाम के अधीन हैं.'

'शासक का कोई मित्र नहीं होता और संत का कोई शत्रु नहीं होता. किसी शासक के बहुत करीब जाना या किसी संत से दूर रहना स्वयं के लिए बहुत बड़ी हानि है!'

'यह उत्सव लोगों को मित्रता, भाईचारे और शांति की भावना से एक साथ लाए.'

'सिर्फ जरूरतों पर आधारित दोस्ती लंबे समय तक नहीं चलती.'

'कोई नहीं जानता कि कब दोस्त दुश्मन बन जाए और कब दुश्मन दोस्त बन बन जाए. अपने आप पर भरोसा रखो.'

'मित्रता आपका स्वभाव है. इसका कोई मकसद या उद्देश्य नहीं है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी मित्रता किसके साथ है.'

'मित्रता का अर्थ है एक-दूसरे का उत्थान करना और समर्थन करना तथा सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी समर्थन करना.'

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