बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में स्थित है. यहां दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं.
बांके बिहारी जी में राधा और कृष्ण का मिला हुआ स्वरूप है इस कारण उनका श्रृंगार स्त्री और पुरुष की तरह किया जाता है.
मंदिर में बिहारी जी के चरणों के विग्रह के दर्शन भी साल में एक बार केवल अक्षय तृतीया पर होते हैं.
बांके बिहारी मंदिर में साल भर में केवल एक बार जन्माष्टमी पर मंगला आरती होती है.
मंदिर में बांके बिहारी जी के लिए रात में भोग में लड्डू रखा जाता है और अगली सुबह वो लड्डू फूटा हुआ मिलता है.
कहा जाता है कि निधिवन में आज भी रात में बांकि बिहारी जी जाते हैं इसलिए वहां रात में जाने की मनाही है.
बांके बिहारी जी के दर्शन करते समय खुद ही श्रद्धालुओं की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं.