भोपाल की गलियां अब सेफ नहीं! तीन महीने में 6000 से ज्यादा लोगों को स्ट्रीट डॉग्स ने बनाया शिकार
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भोपाल की गलियां अब सेफ नहीं! तीन महीने में 6000 से ज्यादा लोगों को स्ट्रीट डॉग्स ने बनाया शिकार

Bhopal News: भोपाल की गलियां अब लोगों के लिए सेफ नहीं बची हैं. इस साल के शुरुआती तीन महीने में ही MP की राजधानी में कुत्तों के काटने के 6,728 मामले सामने आ चुके हैं. जानिए पूरा आंकाड़ा और आखिर क्यों बढ़ रहे हैं डॉग बाइट के केस- 

भोपाल की गलियां अब सेफ नहीं! तीन महीने में 6000 से ज्यादा लोगों को स्ट्रीट डॉग्स ने बनाया शिकार

MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कुत्तो का अतंक कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. साल 2024 के शुरुआती तीन महीने में ही भोपाल के स्ट्रीट डॉग्स 6 हजार से भी ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. शहर में डॉग बाइट के मामले पिछले साल के तुलना में इस साल 50 प्रतिशत ज्यादा सामने आए हैं. आंकड़ों के मुताबिक बीते 2 सालों में कभी भी कुत्तों के काटने का इतने केस नहीं आए.

6 साल के मासूम को बनाया शिकार
हाल ही में गंगानगर बाणगंगा इलाके से एक दर्दनाक मामला सामने आया. यहां 19 मार्च को एक 6 साल के बच्चे हुमेर को स्ट्रीट डॉग ने अपना शिकार बनाया और बच्चे का जबड़ा ही नोच डाला. मासूम को नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती करया गया, जहां उसे 20 टांके लगे. कुत्ते का हमला इतना भयानक था कि बच्चा 4 दिन तक कुछ भी खा नहीं पाया. 

रोजाना 80 से ज्यादा मामले
जेपी और हमीदिया अस्पताल में रोजाना कुत्तों के काटने के 80 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. बता दें कि भोपाल में बीते तीन महीने में अब तक डॉग बाइट के 6,728 मामले  सामने आ चुके हैं.

क्यों बढ़ा रहा है आतंक
गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. जीवन सिंह मिना का कहना है कि ज्यादा गर्मी के कारण कुत्ते बेचैन हो जाते हैं और बेचैनी में लोगो को काटते हैं. कुत्ते के काटने से गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति को इम्युनोग्लोबिन, इंजेक्शन दिया जाता है. यह एंटीबॉडी होती है. इससे कुत्ते के काटने से पीड़ित व्यक्ति को रैबीज होने का खतरा कम हो जाता है. 

सीवियर डॉग बाइट का अर्थ व्यक्ति के शरीर में कुत्ते के दांत व्यक्ति के खून तक पहुंचने से है. डॉग बाइट के बाद एंटी रैबीज वैक्सीन संबंधित व्यक्ति को लगाई जाती है. यह वैक्सीन 10 से 12 दिन के भीतर व्यक्ति के खून में एंटी रैबीज एंटीबॉडी बनाती है. डॉग बाइट पीड़ित लोगों को इंम्यूनोग्लोबिन देने की जरूरत होती है, जिनके चेहरे, हाथ, गर्दन में गहरा कुत्तों ने काटे होता है. 

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इस साल ज्यादा मामले हुए रिपोर्ट
भोपाल में पिछले दो साल की तुलना में इस साल डॉग बाइट के ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं. भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 भोपाल में डॉग बाइट के 8,124 मामले सामने आए थे. वहीं, साल 2023 में इन केसों की संख्या बढ़ कर 16,387 हो गई थी. इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च में ही 6,728 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं.

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