AMU अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला, 9 को सुनवाई
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2046451

AMU अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला, 9 को सुनवाई

AMU News: AMU के अल्पसंख्यक स्टेटस पर 9 जनवरी 2024 को सुनवाई होगी. 12 फरवरी, 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने मामले को 7 जजों की बेंच के पास भेज दिया.

AMU अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला, 9 को सुनवाई

AMU News: सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर दायर याचिका पर 9 जनवरी से सुनवाई शुरू करेगी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, सूर्यकांत, जेबी पारदीवाला, दीपांकर दत्ता, मनोज मिश्रा और केवी विश्वनाथन भी शामिल होंगे. 

हाईकोर्ट ने दिया फैसला 
दरअसल साल 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार की तरफ से एक खत में कहा गया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) अल्पसंख्यक संस्थान है, इसलिए वह अपनी दाखिला नीति में बदल सकता है. उस वक्त की केंद्र सरकार की इजाजत के बाद विश्वविद्यालय ने एमडी–एमएस के विद्यार्थियों के लिए प्रवेश नीति बदलकर आरक्षण प्रदान किया. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस फैसले के खिलाफ डॉक्टर नरेश अग्रवाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया. इसके बाद साल 2005 में, इलाहाबाद HC ने फैसला सुनाया कि AMU अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है. AMU और तत्कालीन UPA सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 2016 में, एनडीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह सरकार की तरफ से दायर अपील वापस ले रही है.

यह भी पढ़ें: कौन है गिरफ्तार शेख शाहजहां? गुर्गों ने किया था ED के अफसरों को घायल

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
उसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. यहां यह फैसला लिया गया कि जब तक कोई फैसला नहीं मिलता तब तक यथा स्थिति बनी रहेगी. 12 फरवरी, 2019 को तत्कालीन CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने मामले को 7 जजों की बेंच के पास भेज दिया. 7 जजों की पीठ संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत किसी शैक्षणिक संस्थान को अल्पसंख्यक दर्जा देने के लिए मानदंड तय करेगी और यह भी तय करेगी कि क्या संसदीय कानून के तहत बनाए गए शैक्षणिक संस्थान को ऐसा दर्जा दिया जा सकता है.

इस तरह की खबरें पढ़ने के लिए zeesalaam.in पर जाएं.

Trending news