India-Nepal Relations: जयशंकर ने कहा, 'कई बार पड़ोसियों से निपटने में राजनीति भी आ जाती है. इस दौरान अपने और उनके हित में संतुलन बनाना पड़ता है.' उन्होंने यह भी चेताया कि भारत के प्रति सभी पड़ोसी देशों का सकारात्मक रवैया नहीं हो सकता.
Trending Photos
India-Nepal Currency: नेपाल ने अपने देश में 100 रुपये की नई मुद्रा छापने का ऐलान किया है, जिस पर भारत के कई इलाकों की तस्वीरें छापी जाएंगी. ये इलाके हैं- कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख. ये तीनों ही इलाके भारत का हिस्सा हैं. अब इस पर विदेश मंत्री ने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते संभालने में आने वाली परेशानियों के बारे में बताया.
'पेचीदगियों से निपटना पड़ता है'
जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देशों से डील करते वक्त अकसर राजनीतिक पेचीदगियों से निपटना पड़ता है. एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, 'कई बार पड़ोसियों से निपटने में राजनीति भी आ जाती है. इस दौरान अपने और उनके हित में संतुलन बनाना पड़ता है.' उन्होंने यह भी चेताया कि भारत के प्रति सभी पड़ोसी देशों का सकारात्मक रवैया नहीं हो सकता. जयशंकर ने ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किया, जब बयान भारत विरोधी रहे. उन्होंने बयान में कहा, 'अगर आप श्रीलंका जाएंगे तो आपको सरकारी अफसरों और लोगों के प्रतिकूल बयान मिल जाएंगे.'
दरअसल नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कहा, पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड की अगुआई में हुई कैबिनेट मीटिंग में 100 रुपये का नया नोट छापने का फैसला लिया गया है, जिसमें कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को दिखाया गया है.
100 रुपये का नया नोट छापने पर विवाद
नेपाल सरकार ने 25 अप्रैल और 2 मई की कैबिनेट बैठक में 100 रुपये का नया नोट छापने के फैसले को अपनी मंजूरी दी थी. इस नोट पर नेपाल का नया नक्शा छापने का फैसला लिया गया है. अकसर आते रहने वाली चुनौतियों को लेकर जयशंकर ने इस बात का भी जिक्र किया कि कैसे भारत ने हमेशा संकट के वक्त में पड़ोसियों की मदद की है जैसे कोविड-19 और यूक्रेन जैसी स्थिति में.उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर आप बड़ी पिक्चर देखें तो कोविड संकट के दौरान हमने जरूरतमंदों की मदद की और यूक्रेन जंग के दौरान प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई.'
जयशंकर ने याद दिलाई भारत की मदद
इसके अलावा जयशंकर ने ऐसी घटनाओं का भी जिक्र किया, जहां पड़ोसी देशओं ने अतिरिक्त सामान जैसे प्याज की कमी की मांग की है. उस वक्त भी भारत ने उनकी मदद की, सकारात्मक और फायदेमंद रिश्ता बना रहा. जयशंकर ने कहा, कूटनीति में बिजनेस की तरह झटके लगते हैं. लेकिन हम उनको मैनेज कते हैं और सफलता पाने के लिए आगे ले जाते हैं.