DNA: '80 में से 80' का शक्ति प्रदर्शन.. काशी में मोदी के रोड शो का वोटिंग समीकरण समझिये
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DNA: '80 में से 80' का शक्ति प्रदर्शन.. काशी में मोदी के रोड शो का वोटिंग समीकरण समझिये

PM Modi Varanasi Road Show: प्रधानमंत्री मोदी आज वाराणसी से तीसरी बार चुनाव नामांकन पत्र भरेंगे. उससे पहले प्रधानमंत्री ने वाराणसी में मेगा रोड शो किया है. बीजेपी का दावा है कि सोमवार को वाराणसी के ज़्यादातर लोग अपने घरों में नहीं थे, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के रथ के आगे पीछे पैदल चल रहे थे.

DNA: '80 में से 80' का शक्ति प्रदर्शन.. काशी में मोदी के रोड शो का वोटिंग समीकरण समझिये

PM Modi Varanasi Road Show: प्रधानमंत्री मोदी आज वाराणसी से तीसरी बार चुनाव नामांकन पत्र भरेंगे. उससे पहले प्रधानमंत्री ने वाराणसी में मेगा रोड शो किया है. बीजेपी का दावा है कि सोमवार को वाराणसी के ज़्यादातर लोग अपने घरों में नहीं थे, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के रथ के आगे पीछे पैदल चल रहे थे. पार्टी के मुताबिक प्रधानमंत्री के वाराणसी रोड शो में 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं और पूरे पूर्वांचल से बड़ी संख्या में लोग इस रोड शो में पहुंचे. अभी तक जितने शहरों में प्रधानमंत्री के रोड शो हुए हैं वो ज़्यादा से ज़्यादा 2 किलोमीटर के रहे हैं, लेकिन ये रोड शो 6 किलोमीटर का था.

बीएचयू से पीएम मोदी के रोड शो की शुरुआत

प्रधानमंत्री ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी चौराहे से इसकी शुरूआत की... महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा को नमन करके उन्होंने ये रोड शो शुरू किया. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रथ पर प्रधानमंत्री के साथ थे. वैसे बीजेपी के झंडे में केसरिया के साथ हरा रंग भी है. लेकिन काशी में पूरी तरह केसरिया रंग हावी दिखा. प्रधानमंत्री जिस रथ पर सवार थे, वो पूरी तरह केसरिया था. BHU चौराहे से काशी विश्वनाथ मंदिर तक पूरा रास्ता केसरिया झंडों और बैनरों से रंगा हुआ था. मोदी समर्थक भी भगवा कपड़ों में दिख रहे थे. कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री के भोपाल के रोड शो को भगवा रोड शो नाम दिया गया था. लेकिन उससे ज़्यादा गाढ़ा भगवा रंग वाराणसी में था.  

काशी में स्वागत का पारंपरिक स्टाइल

काशी में स्वागत का एक पारंपरिक स्टाइल है. उसी के मुताबिक रास्तों में लोग थाल और डमरू बजाकर प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहे थे. रास्ते में कई धार्मिक मंच लगे थे, जहां मंत्रोच्चारण हो रहा था. छतों पर खड़े लोग प्रधानमंत्री पर फूलों की बारिश कर रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन भरेंगे. वाराणसी से पहला चुनाव उन्होंने 2014 में लड़ा था, तब भी ऐसा ही भव्य रोड शो था. 5 साल सरकार चलाने के बाद 2019 में मोदी ने दूसरी बार वाराणसी से नामांकन किया, तब भी रोड शो से यूपी में बीजेपी की ताक़त दिखाई थी. और ये तीसरा रोड शो है जो 24 में 400 पार और यूपी में 80 में से 80 के नारे के साथ वाराणसी में हुआ.

काशी वाले शक्ति प्रदर्शन के क्या मायने हैं?

अब आपको... प्रधानमंत्री के काशी वाले शक्ति प्रदर्शन के क्या मायने हैं? क्या रोड शो सिर्फ़ इसलिये भव्य था क्योंकि प्रधानमंत्री के चुनाव क्षेत्र में था? या इस एक रोड शो से बीजेपी 30 से 40 सीटें साध सकती है? इसके लिये आपको बीजेपी का वाराणसी प्लान और पूर्वांचल प्लान समझना होगा. सबसे पहले वाराणसी प्लान बताते हैं.  

2014 में हुई मोदी को मिली थी बड़ी जीत

2014 में मोदी ने वाराणसी में 5 लाख 81 हज़ार 22 वोट हासिल किये थे. मुक़ाबले में अरविंद केजरीवाल थे, जिन्हें 2 लाख 9 हज़ार 238 वोट मिले थे. मोदी को 56.4% वोट मिले थे और उनकी जीत का अंतर 36.1% था. 2019 में मोदी को 6 लाख 74 हज़ार 664 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव थीं, जिन्हें 1 लाख 95 हज़ार 159 वोट मिले थे. मोदी को 63.6% वोट मिले थे और उनकी जीत का अंतर 45.2% था.

कांग्रेस दोनों बार तीसरे नंबर पर

कांग्रेस दोनों बार तीसरे नंबर पर थी. बीजेपी का टारगेट है कि दिल्ली हैट्रिक के लिये जब काशी हैट्रिक लगाएं तो उनकी जीत का अंतर 1977 में यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के 48.80% के अंतर से बड़ा हो, जहां तक मोदी 2019 में करीब पहुंच गये थे. अब आपको पूर्वांचल प्लान बताते हैं... पूर्वांचल यानी यूपी का पूर्वी हिस्सा, जिसमें 31 सीटें हैं. इन सीटों पर छठे और सातवें चरण में चुनाव होने हैं. वाराणसी एक तरह से पूर्वांचल का दिल है. ये राजनीतिक मान्यता है कि वाराणसी में जो हवा चलती है वो पूरे पूर्वांचल तक जाती है. लेकिन 2019 के चुनाव में बीजेपी की सीटें 71 से 62 पर आई थीं, उसमें पूर्वांचल के भी 7 झटके थे.

2019 में BSP और SP एक साथ

2014 में बीजेपी ने पूर्वाचल की 31 सीटों में से 28 जीती थीं. उसके सहयोगी अपना दल ने 2 सीटें जीती थीं. समाजवादी पार्टी को सिर्फ़ 1 सीट मिली थी. BSP का स्कोर शून्य था. लेकिन 2019 में बीजेपी ने सिर्फ़ 22 सीटें जीतीं. अपना दल की 2 सीटें बरकरार रहीं. समाजवादी पार्टी के पास 1 सीट रही. बीजेपी को नुकसान BSP से हुआ, जिसने 6 सीटें जीत लीं. 2019 में BSP और SP एक साथ थीं. इसमें BSP ज़्यादा फ़ायदे में रही. इस बार SP का गठबंधन उस कांग्रेस के साथ है जो जनाधार के मामले में यूपी में चौथे नंबर पर मानी जाती है. 

बीजेपी का 2014 वाला मोदी मैजिक..

अगर कांग्रेस का वोट समाजवादी पार्टी के कुछ ख़ास काम नहीं आया, और उधर BSP ने दोनों के वोटों में सेंध लगा दी, तो बीजेपी का 2014 वाला मोदी मैजिक ये सीटें वापस खींच सकता है. वाराणसी के जोश को बीजेपी सिर्फ़ पूर्वांचल तक नहीं बल्कि इससे आगे बढ़कर बिहार की सीटों तक आंक रही है. सातवें चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों के साथ बिहार की उन 8 सीटों पर भी वोटिंग है जो पूर्वांचल से सटी हैं, जिन पर काशी का असर है.

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